कुछ न करने से कुछ करना हमेशा अच्छा होता है. अगर शरीर से आदमी सहायक न हो तो कम से कम नैतिक समर्थन तो कर ही सकता है. वैसे अपने अधिकारों के लिए आदमी को आगे आना ही चाहिए और हाँ, अधिकार कर्तव्य दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं.
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शुक्रवार, 1 सितंबर 2023
सोमवार, 28 अगस्त 2023
ब्लॉग लेखन
किसी जमाने में ब्लॉग लेखन एक बहुत अच्छा कार्य माना जाता था, और बड़े धीर गंभीर लोगों ने हर विधा पर लिखा. धीरे धीरे फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप के अवतरण के बाद ब्लॉग पर लेखन कम से कम हिन्दी में तो कम होता गया. यूट्यूब, इन्स्टाग्राम और रील्स के दौर में कुछ लोग अभी भी ब्लॉग लिख रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य ये कि प्रख्यात लेखकों के लिये भी फेसबुक का सहारा लेना पड़ रहा है.
रविवार, 20 अगस्त 2023
क्या लिखूँ, कुछ समझ नहीं आ रहा.
मन की व्यथा लिखूँ या कुछ और. हर तरफ वही बेकरारी, बेकसी है. जिससे भी बात कीजिये वही दुखी है. किसी न किसी बात को लेकर. सुख आखिर कहाँ है और किस में है सुख? सुख की परिभाषा क्या है? शायद दुःख की अनुपस्थिति को ही सुख माना जा सकता है. या फिर किसी मन पसंद चीज या चीजों की प्रचुरता को.
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